विश्व में सबसे ज्यादा किस भगवान की पूजा होती है CAN BE FUN FOR ANYONE

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छठ पूजा में तीसरे दिन को सबसे प्रमुख माना जाता है. इस मौके पर शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है और बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य के सूप को सजाया जाता है.

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अब वाराणसी की ज़िला अदालत के फैसले के बाद वहां पर कोर्ट के नियुक्त किए गए रिसीवर (डीएम वाराणसी) ने पूजा, राग-भोग फिर से शुरू करवाया है.

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प्रशासन का कहना है कि इनमे से कोई भी मूर्ति पूरी नहीं है और सभी खंडित हैं.

छठ का दूसरा दिन खरना कहलाता है. इस दिन भोग तैयार किया जाता है. शाम के समय मीठा भात या लौकी की खिचड़ी खाई जाती है.

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प्रशासन के मुताबिक कोर्ट के आदेश के अनुसार, सिर्फ़ उन्हीं मूर्तियों की पूजा होनी थी जो इस तहख़ाने से मिली थीं.

साथ ही इस दिन शिव जी की पूजा भी की जाती है. आइए जानते हैं इस साल किस तारीख को है नहाय खाय और खरना.

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बीबीसी ने काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों और वाराणसी प्रशासन से समझने की कोशिश की कि कैसे तहख़ाना खुलवा कर पूजा शुरू करवाई गई.

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ज्ञानवापी: व्यास तहख़ाने में आठ मूर्तियों की पूजा कैसे शुरू हुई

यह पहले से ही सरकार के ट्रेज़री में मौजूद थीं.

विधियांअंक परिभाषाएँअंकों को जोड़नाअंग्रेजी अक्षर संख्यात्मक मूल्यअंग्रेजी अक्षरों के संख्यात्मक मान विधि ; शाल्डियन विधिअन्य

वाराणसी प्रशासन का कहना है कि जब तहख़ाने में प्रवेश किया गया और पूजा कराई गई तब वहां सोमनाथ व्यास के परिवार और इस मुकदमे का कोई भी याचिकाकर्ता मौजूद नहीं था.

प्रशासन के मुताबिक़ काशी मंदिर के पुजारी ओम प्रकाश मिश्रा ने ही पूजा शुरू करवाई.

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